खानदानी शफाखाना 26 जुलाई को रिलीज होगी
फिल्म खानदानी शफाखाना सोनाक्षी सिन्हा |
- फिल्म - खानदानी शफाखाना
- निर्देशक- शिल्पी दासगुप्ता
- निर्माता - भूषण कुमार, महावीर जैन, मृगदीप सिंह लांबा, दिव्या खोसला कुमार, कृष्ण कुमार
- लेखक - गौतम मेहरा
- कलाकार - सोनाक्षी सिन्हा, वरुण शर्मा, अन्नू कपूर, बादशाह
- संगीतकार - बादशाह, तनिष्क बागची, पायल देव, रोशाक कोहली, विपुल मेहता
- छायांकन - ऋषि पंजाबी
- संपादन - देव राव जाधव
- प्रोडक्शन कंपनी - सुंदर प्रोडक्शंस, टी-सीरीज़
- रिलीज - 26 जुलाई 2019
फीचर डेस्क मुंबई। सोनाक्षी सिन्हा अभिनित हास्य से भरपूर संदेश परक फिल्म ‘खानदानी शफाखाना’ का आधिकारिक ट्रेलर सोशल मीडिया में आ चुका है। सुंदर प्रोडक्शंस और टी-सीरीज़ के बैनर तले निर्मित इस कॉमेडी-ड्रामा फिल्म का निर्देशन किया है शिल्पी दासगुप्ता ने। इसके निर्माता है भूषण कुमार, महावीर जैन, मृगदीप लांबा, दिव्या खोसला कुमार और कृष्ण कुमार और फिल्म के लेखक है गौतम मेहरा। फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा के अलावा वरुण शर्मा, अन्नू कपूर और बादशाह अहम भूमिका है।
सोशल मीडिया में रिलीज ट्रेलर के अनुसार फिल्म की कहानी शुरू होती है मामा जी की फैमिली क्लिनिक से जो कि बेबी बेदी यानी सोनाक्षी सिन्हा के नाम हो चुका है। इस बात की जानकारी देते हुए अन्नु कपूर बताते हैं कि मामा जी अपना ‘खानदानी शफाखाना’ बेबी बेदी के नाम कर दिया है लेकिन छै: महीने के लिए क्लिनिक चलाना होगा तभी मामा जी की संपत्ति मिल पायेगी। बेबी बेदी क्लिनिक को बेचकर पैसा चाहती है लेकिन शर्त के अनुसार छै: महीना तो शफाखाना खोलना ही पढ़ेगा। सोनाक्षी पहुंचती है शफाखाना और लग जाती है अपने काम पर। अब समस्या ये है कि शफाखाना में गुप्त रोग की जानकारी भला एक लड़की कैसे देगी? चलो मान ले देगी भी तो इलाज कराने क्या लोग आयेंगे? वैसे मामा जी गुप्त रोगों का इलाज अपने देशी तरीके से किया करते थे, उनके पास मरीज भी आते थे।
सोनाक्षी के क्लिनिक खोलते ही कुछ मरीज छुपते-छुपाते आने लगे तब उनको लगा की अब इस विषय पर यानी गुप्त रोगों पर भी खुल कर बात होनी चाहिए। सोनाक्षी लोगों को जागरूक करने के लिए एक पॉप सिंगर को पकड़ती है जो तैयार हो जाता है। सोनाक्षी भी अपनी तरफ से खूब मेहनत करती है कुछ लोग नजरे चुराते है तो कुछ शर्माने लगे और कुछ तो विरोध भी करते है। सड़कों, बाजारों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर भी सोनाक्षी सिन्हा कहती है बात तो करो! शीघ्रपतन, धात, स्वप्नदोष, नामर्दी, बे-औलाद, शुक्राणु में कमी, बांझपन जैसे स्त्री और पुरूष दोनों सी ही जुड़ी बीमारियों पर बात करने से ही ईलाज संभव है।
फिल्म मेकर ने समाज में गुप्त रोगों के प्रति सजग रहने का संदेश बखूबी हास्य के अंदाज में देने की भरसक कोशिश की है अब यह कितना सफल होता है यह तो फिल्म रिलीज होने के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल प्रतिक्षा करते है 26 जुलाई का जब यह फिल्म रिलीज होगी और हां आगे की स्टोरी यानी सोनाक्षी के मामा का ‘खानदानी शफाखाना’ का क्या हुआ इसका खुलासा सिनेमाघर में होगा।