नाचा के पुरोधा दाऊ मंदराजी के जीवन पर बनी फिल्म
छत्तीसगढ़ की पहली बायोपिक मूवी मंदराजी 28 जून को रिलीज होगी
- फिल्म- मंदराजी
- निर्माता- किशोर सारवा, नंदकिशोर साहू
- लेखक/निर्देशक- विवेक सार्वा
- कलाकार - करन खान, ज्योति पटेल, संजय बत्रा, अमर लहरे, लता ऋषि चंद्राकार, डी.पी. देशमुख, हेमलाल कौशल, नरेश यादव, उर्वशी साहू, मुकेश पिपरिया, राजू शर्मा एवं चंदैनी गोंदा परिवार।
- पटकथा/संवाद- नवीन देशमुख
- प्रेरणा स्त्रोत - श्री खुमान लाल साव
- गीतकार- लक्ष्मण मस्तुरिया
- संगीत- गोविंद साव
- छायांकन- नागेश सार्वा, रामाकांत सार्वा
- संपादन- तुलेंद्र पटेल
- मेकअप/कोरियोग्राफी- विलास राउत
- प्रोडक्शन कंपनी- सर्वा ब्रदर्स प्रोडक्शन & मां नर्मदा फिल्म्स
- विशेष आभार- मोहन गुरुपंच, केवल साहू, कमलेश साहू
- भाषा- छत्तीसगढ़ी
- प्रदर्शन- 28 जून 2019
फीचर डेस्क रायपुर। छत्तीसगढ़ी नाचा को विश्व पटल पर स्थापित करने वाले महापुरूषों में सर्वप्रथम नाम आता है दाऊ मंदराजी का। दाऊ मंदराजी का जन्म राजनांदगांव जिले के गांव रवेली के एक संपन्न मालगुजार परिवार में 1 अप्रैल 1911 कों हुआ था। इनके पिता का नाम रामाधीन दाऊ था। दाऊ दुलार सिंह को मंदराजी नाम उनके नाना द्वारा दिया गया है। दुलारसिंह बचपन में बहुत ही हष्ट-पुष्ट शरीर वाले थे जिसे देखकर नाना जी ने मजाक किया मद्रासी कहकर। यही मद्रासी नाम धीरे-धीरे मंदराजी हो गया और अंचल में वे मंदराजी दाऊ के नाम से पहचाने जाने लगे। जब दाऊ जी का जन्म हुआ उस समय छत्तीसगढ़ में मशाल नाचा का प्रचलन था। दाऊ जी को संगीत के प्रति बचपन से लगाव था किन्तु उनके पिता को संगीत में अधिक रूची नहीं थी।
सन् 1927-28 में जब दाऊ जी पूरी तरह से नाचा के लिए समर्पित होकर नाचा पार्टी की शुरूआत किये उससे पहले कोई भी नाचा पार्टी संगठित रूप से नहीं थी। हालांकि नाचा का कार्यक्रम होता था कलाकार जुटते थे किन्तु कार्यक्रम के दौरान ही। दाऊ जी 1927-28 में रवेली साज के रूप में एक नई नाचा पार्टी तैयार किये। जिसमें मशाल चिकारा के अलावा गैसबत्ती और हारमोनियम का भी प्रयोग हुआ। धीरे-धीरे लाईट और माइक के साथ नाचा की प्रस्तुति रातभर होने लगी। इस तरह से दाऊ दुलारसिंह जी रवेली के मालगुजार के रूप में नहीं बल्कि नाचा के पुरोधा के रूप में देश में विख्यात हुए। दाऊ जी ने तन-मन और धन से नाचा और नाचा के कलाकारों की सेवा की है इसी का प्रतिफल है कि आज नाचा विश्व पटल पर अपनी ख्याती बिखेर रहा है।
नाचा के पुरोधा के जीवन पर प्रकाश डालता हुआ बायोपिक मूवी मंदराजी में इन्ही सब बातों कों विस्तार दिया गया है। दाऊ जी और नाचा का नाता किस प्रकार हुआ, किन-किन परिस्थितियों में कहां-कहां से वे कलाकार जुटाये और किस प्रकार अपना सब कुछ नाचा के लिए कुर्बान किये, आदि तमाम बातें इस फिल्म में देखने को मिल सकता है।
मंदराजी जो कि छत्तीसगढ़ की पहली बायोपिक मूवी है इसलिए आम दर्शकों के अलावा कलाकारों को भी फिल्म की बेशब्री से इंतजार है। ऐसी उम्मीद की जा सकती है कि फिल्म से लोग दाऊ मंदराजी को जानेंगे। उनके संघर्ष को प्रत्यक्ष देख पायेंगे। उस दौरान कौन-कौन कलाकार उनके साथ थे यह भी जानकारी इस मूवी से मिल पायेगी। दाऊ जी और नाचा के लिये यह फिल्म सच्ची श्रद्धांजलि साबित होगी। इतिहास को याद दिलाता हुआ यह फिल्म जरूर इतिहास लिखेगा इन्ही अपेक्षाओं के साथ दाऊ मंदराजी फिल्म से जुड़े तमाम लोगों को हृदय की अंतत गहराईयों से शुभकामनाएं…
क्या खास है इस फिल्म में-
- नाचा के पुरोधा दाउ मंदराजी पर बनी है।
- नाचा के विकासक्रम को जानने का अवसर मिलेगा।
- शुरूआती दौर के कलाकारों की जानकारी मिलेगी।
- पारंपरिक गीत और संगीत से ओतप्रोत मूवी है।
- पहली बार छत्तीगसढ़ी में बायोपिक बनाई गई है।
- सर्वा ब्रदर्स प्रोडक्शन & मां नर्मदा फिल्म्स की पहली फिल्म।