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'हंसा एक संयोग'

किन्नरों के तकदीर और तदबीर की संघर्ष की कहानी: हंसा एक संयोग

अखिलेन्द्र मिश्रा किन्नर की भूमिका में

थर्ड जेंडरों की संघर्ष की कहानी है फिल्म 'हंसा एक संयोग'


  • फिल्म- हंसा एक संयोग
  • निर्देशक- धीरज वर्मा, संतोष कश्यप
  • निर्माता- सुरेश शर्मा
  • कलाकार- अखिलेन्द्र मिश्रा, शरत सक्सेना, सयाजी शिंदे, दीपशिखा नागपाल, अमन वर्मा, वैष्णवी महंत, मंत्र पटेल, आयुष श्रीवास्तव, पम्मी मोटन और पंकज शुक्ला।
  • पटकथा एवं संवाद- संतोष कश्यप
  • संगीत-  ललित मिश्रा, प्रेखर वर्मा
  • गीत-  धीरज वर्मा, संतोष कश्यप, धीरज वर्मा
  • रिलीज- 3 मई 2019




फीचर डेस्क मुंबई। चित्रग्राही फिल्म्स के बैनर तले निर्मित फिल्म हंसा एक संयोग थर्ड जेडर के जीवन को रेखांकित करती है। फिल्म के निर्माता है सुरेश शर्मा और निर्देशन किया है धीरज वर्मा एवं संतोष कश्यप ने। यह फिल्म 3 मई को रिलीज होने जा रही है। सोशल मीडिया में अपलोड आधिकारिक ट्रेलर के अनुसार फिल्म की कहानी शुरू होती है। शरत सक्सेना के घर से जो कि अपने बेटे का ब्याह कर एक सुंदर और सुशील बहु घर लाते है। कुछ ही दिनों बाद बहु गर्भवती होती है तो पुरा परिवार खुशी से झूम उठता है। आखिर में प्रसव की तिथि भी आती है उनकी बहु वैष्णवी महंत और बेटे सयाजी शिंदे के साथ शरत सक्सेना को अपने वंश के चिराग का इंजतार रहता है। मां के प्रसव पीड़ा के कराहने की आवाज के साथ बच्चे की रोने की आवाज सुनाई देती है। सभी राहत की सांस लेते है इसी बीच एक औरत शरत सक्सेना से आकर कहती है मालिक आपके घर किन्नर पैदा हुआ है। यही से शुरू होती है फिल्म की कहानी। 






घर में बच्चा पैदा होने के बाद भी खुशी का महौल नहीं है, किन्नर होने पर मातम मनाया जा रहा है। तभी शरत सक्सेना फैसला करता है कि किन्नर बेटे को किन्नरों के समुदाय में भेज देना चाहिए। फिल्म में अखिलेन्द्र मिश्रा अमिना बानो की किरदार में है जो कि किन्नर समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रही है। मां अपने औलाद को छोड़ना नहीं चाहती है किन्तु पति और ससुर के आगे वह विवश हो जाती है। अमिना बानो यानी अखिलेन्द्र मिश्रा उस बच्चे को नया नाम देती है हंसा। फिल्म धीरे-धीरे आगे बढ़ती जाती है और हल पल किन्नरों की दर्द और तकलीफ को पर्दे के माध्यम से समाज में रखने की कोशिश हर पात्र करता है।





फिल्म मेकर कहते है यह फिल्म अस्तित्वविहिन की अस्तित्व की लड़ाई की कहानी है। हंसा एक संयोग में किन्नरों के विकार, तिरस्कार, निराधार, धिक्कार और दुत्कार को रेखांकित करने की कोशिश की गई है। क्या फिल्म वाकई थर्ड जेंडरों की जीवन को रेखांकित करते हुई बनाई गई यह तो पूरी फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा जो कि 3 मई को रिलीज होने जा रही है। इस फिल्म में अहम किरदार में है अखिलेन्द्र मिश्रा, शरत सक्सेना, सयाजी शिंदे, दीपशिखा नागपाल, अमन वर्मा, वैष्णवी महंत, मंत्र पटेल, आयुष श्रीवास्तव, पम्मी मोटन और पंकज शुक्ला।







अखिलेन्द्र मिश्रा को इस फिल्म में दर्शक काफी पसंद कर रहे है जब से सोशल मीडिया में आधिकारिक ट्रेलर आई अमिना बोनो अर्थात अखिलेन्द्र मिश्रा सिनेजगत में सबसे चिर्चित कलाकार के रूप में जाना जा रहा है। अखिलेंद्र मिश्रा एक बेहतरीन कलाकार है जब भी उनको बड़े पर्दे पर अवसर मिला है दमदार अदाकारी का जलवा बिखेरा है। भले ही उनकी फिल्मों की लिस्ट कम है लेकिन जिस भी फिल्म में काम किया है वन मेन शो की तरह स्क्रीन पर छाया रहा है।अखिलेंद्र मिश्रा पर्दे पर टेलीविजन की दुनिया से आए है, उन्होने 1990 के दशक में दूरदर्शन की चर्चित धारावाहिक चंद्रकांता से काफी लोकप्रियता बटोरी। घर-घर में लोग उन्हे मायावी अक्रूर के नाम से पहचानते है। अब उनकी उल्लेखनीय फिल्मों की बात करें तो सरफरोश में मिर्ची सेठ का चरित्र भी शामिल है। फिल्म हंसा एक संयोग हालाकि छोटी बजट की फिल्म है लेकिन अखिलेंद्र मिश्रा अमिना बानो के रूप में लंबे समय तक याद किये जायेंगे ऐसी उम्मदी की जा सकती है।


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