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नहीं रहे खतरों के रियल खिलाड़ी वीरू देवगन जी

अजय देवगन के पिता और बॉलीवुड के एक्शन कोरियोग्राफर वीरू देवगन जी का निधन





फीचर डेस्क मुंबई।  पंजाब के अमृतसर शहर में 1934 को जन्मे वीरू देवगन जी आज 27 मई 2019 को पंचतत्व में विलीन हो गये। अमृतसर से मुंबई का उनका सफर काफी संघर्षो भरा रहा। फिल्म में काम करने का जुनून उनको इतना था कि कहते है बिना टिकट वे पंजाब से मुंबई आये थे कुछ दोस्तो के साथ। दर-दर की ठोकरों से मायुस होकर बाकी साथी तो लौट गये किन्तु वीरू देवगन अपने लक्ष्य के प्रति अडिग था। इस माया नगरी में उन्होने शुरूआती दिनों में क्या कुछ नहीं किया होगा यहा तकी टेक्सी भी चलाई है। कहते है कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती, आखिर वीरू देवगन को काम मिल ही गया। 1974 से फिल्मी दुनिया में उन्होने बतौर एक्शन मास्टर के रूप में काम किया। उनकी ख्वाईस तो हीरो बनने की थी लेकिन मुंबई ने उनके हुनर को एक्शन कोरियोग्राफर के रूप में पहचाना। 



वीरू देवगन जी ने बतौर एक्शन कोरियोग्राफर के रूप में कई हिट फिल्म रोटी कपड़ा और मकान, खेल खेल में, दस नंबरी, मिस्टर नटवरलाल, खून पसीना, दोस्ताना, क्रांति, प्रेम रोग, मेरी आवाज सुनो, राम तेरी गंगा मैली, खतरो के खिलाड़ी, प्रेम प्रतिज्ञा, त्रिदेव, सिक्का, फूल और कांटे, जिगर, हिम्मतवाला, दिलवाले, दिव्या शक्ति, इश्क, हिन्दुस्तान की कसम जैसे 80 फिल्मों की सफलता में अभुतपूर्व योगदान दिया है। 







वीरू देवगन जी ने फिल्मों में एक्शन कोरियोग्राफर के अलावा बतौर कलाकार भी काम किया है क्रांति, सौरभ, और सिंहासन जैसे फिल्मों में। वीरू देवगन ने निर्देशन में भी हाथ आजमाया फिल्म हिंदुस्तान की कसम से जो कि 1999 में रिलीज हुई थी जिसमें अजय देवगन, अमिताभ बच्चन, मनीषा कोईराला और सुष्मिता सेन ने अभिनय किया। अब फिल्म निर्माण की बात करें तो सिंहासन, दिल क्या करे, हिन्दुस्तान की कसम, विश्वात्मा और मेरा पति सिरफ मेरा है को प्राड्यूस कर चुके है।


78 वर्ष की आयु में दुनियां को अलविदा कहने वाले इस महान कलाकार ने अपने सारे सौक पूरे किये, और जो कसर बाकी रह गया था उसे बेटे अजय ने पूरा कर दिया। हीरो बनने के लिये मुंबई आये थे लेकिन बने एक्शन कोरियोग्राफर पर दिल में इच्छा तो सिल्वर स्क्रीन पर चमकने की थी जिसे अजय देवगन के माध्यम से पूरा किया फूल और कांटे से डेब्यू करा कर। जिगर, दिल है बेताब, एक ही रास्ता, दिलवाले, विजयपथ, सुहाग, हलचल, दिलचले इश्क, हिन्दुस्तान की कसम में अभिनय की अमिट छाप छोड़ने वाले अजय अपनी पिता के अंतिम समय तक फिल्म के लिये काम करते रहे। कई कलाकारों की किस्मत चमकाने वाला ऐसा महान कलाकार आज इस दुनिया को छोड़ गया है कि इंडस्ट्री सदियों तक उनको याद करेंगी। उनकी अंतिम विदाई में फिल्म जगत की तमाम बड़ी हस्तियां मौजूद रहे।





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