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ऋतिक रोशन की फिल्म सुपर 30 जुलाई में रिलीज होगी

गणितज्ञ आनंद कुमार की बायोपिक सुपर 30




फीचर डेस्क मुंबई। नाडियाडवाला ग्रैंडसन एंटरटेनमेंट, फैंटम फिल्म्स और रिलायंस एंटरटेनमेंट के बैनर तले निर्मित सुपर 30 का आधिकारिक ट्रेलर सोशल मीडिया में खूब धमाल मचा रहा है। यह एक बायोपिक मूवी है भारत के एक प्रतिभाशाली गणितज्ञ आनंद कुमार की जो कि पटना बिहार का रहने वाला है। इस फिल्म का निर्देशन किया है विकाश बहल ने और प्रमुख भूमिका में है ऋतिक रोशन, मृणाल ठाकुर, पंकज त्रिपाठी, वीरेंद्र सक्सेना, नंदीश सिंह, अमित साध, जॉनी लीवर, आदित्य श्रीवास्तव और अली हाजी। बॉलीवुड में बायोपिक मूवी तो बहुत बना है किन्तु ऐसा पहली बार हुआ जब किसी एक व्यक्ति की शिक्षण पद्धति और उनके व्यक्तित्व को पर्दे पर उकेरा जा रहा है। यह फिल्म पटना के महान गणितज्ञ आनंद कुमार के जीवन को रेखांकित करती हुई समाज में नई शिक्षण व्यवस्था पर कटाक्ष करता है।



चूकि यह सत्य घटना पर आधारित है इसलिए फिल्म के कलाकार और गीत संगीत के बजाए हम सीधे आनंद कुमार के जीवन पर प्रकाश डालते है। 1 जनवरी 1973 को बिहार के एक गरीब परिवार में जन्मे आनन्द कुमार एक भारतीय गणितज्ञ, शिक्षाविद तथा बहुत सी राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय गणित की पत्रिकाओं के स्तम्भकार हैं। आनंद कुमार को खास पहचान उनके सुपर 30 कार्यक्रम के कारण मिली, जो कि उन्होंने पटना, बिहार से 2002 में प्रारम्भ किया था, जिसके अन्तर्गत आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाया जाता है। 

शिक्षा के क्षेत्र में अपना कैरियर तलाशते हुए 1992 में उन्होंने गणित पढ़ाना आरम्भ किया और रामानुजन स्कूल ऑफ़ मैथमैटिक्स की स्थापना की। फिर 2002 में उन्होंने गरीब छात्रों के विशेष निवेदन पर, जो कि आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा की महंगी कोचिंग की फीस नहीं दे सकते थे, सुपर 30 कार्यक्रम प्रारम्भ किया, जिसके कारण उन्हें प्रतिष्ठा मिली। दुनिया भर में उनके नाम की चर्चाए हुई कई चैनल और समाचार पत्रों ने उनको प्रमुखता से जगह दी। उन्होंने अपने अनुभवों के बारे में भारतीय प्रबंध संस्थान, अहमदाबाद, कई आईआईटी, ब्रिटिश कोलम्बिया विश्विद्यालय, टोक्यो विश्वविद्यालय, तथा स्टेनफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में भाषण दे चुके हैं। उनके आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को निःशुल्क शिक्षा देने के काम के कारण लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी उनका नाम दर्ज हुआ। उन्हे इंस्टिट्यूट ऑफ़ रीसर्च एण्ड डाक्युमेंटेशन इन सोशल साइंसेस द्वारा एस रामानुजन पुरस्कार, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद शिक्षा पुरस्कार तथा राष्ट्रीय बाल कल्याण पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।

फिल्म सुपर 30 भारत की शिक्षण व्यवस्था और कोचिंग सेंटर्स मालिकों के राज भी खोलती है किस तरह वे लाखों करोड़ों का व्यापार कर रहे है। अमीरों के बच्चें तो लाखों की फीस देकर इन कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई करके आईआईटी में प्रवेश पा लेते है किन्तु गरीब बच्चें महंगी कोचिंग करने में असमर्थ होने के कारण आईआईटी में पढ़ने से वंचित हो जाते है। आनंद कुमार जी ने सुपर 30 में गरीब बच्चों को पढ़ाया और आईआईटी के काबिल बनाया। अब वो किन किन विषम परिस्थितियों से जूझते हुए इस मुकाम तक पहुंचे है इसके लिये 12 जुलाई तक इंतजार करते है।  

















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