'कालिया'... ये तो बहुत नाइंसाफी है
फीचर डेस्क मुंबई। हिन्दी और मराठी सिनेमा के दिग्गज कलाकार विजू खोटे का 78 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लगभम 300 से भी अधिक फिल्मों में उन्होने अभिनय किया, हिन्दी के अलावा वे मराठी सिनेमा व थियेटर भी से जुड़े रहे। वे आज भले ही अपना देह त्याग कर इस दुनियां से चले गये है किन्तु अपनी अदाकारी के दम पर लोगों के दिलों जो जगह बनाई है वे हमेशा उनके दिलों में जिंदा रहेंगे। फिल्म शोले में डाकू गब्बर सिंह का सबसे वफादार साथी कालिया का मशहूर संवाद- 'सरदार मैने आपका नमक खाया है।' कभी नहीं भुला पायेंगे। ऐसा ही एक और लाइन है उनकी 'गलती से मिस्टेक हो गया' जो कि रॉर्बट के रूप में उन्होंने फिल्म अंदाज अपना अपना में कहा था।
17 दिसंबर 1941 को मुंबई के एक मराठी परिवार विट्टल बापुराव खोटे के घर जन्में विजू खोटे बेहद साफ और नेक दिल इंसान थे। चेहरा भी मासूम सा दिखता था भले ही वे खूंखार डाकू और आपराधिक किरदार में क्यो ना हो। वे अभिनय से कभी हंसाये, कभी डराये और अब हकिकत में रूला कर चले गये। आज दिन सोमवार 30 सितंबर 2019 को तड़के थम गई उनकी सांसे।
मौत तो एकदिन सबको आनी है। ज़िंदगी की यह एक सच्ची कहानी है।।
विजू खोटे की यादगार फिल्में-
विजू खोटे की यादगार फिल्में- पहचान, खुल्लम खुल्ला प्यार करेंगे, विरुद्ध, गरम मसाला, घर गृहस्थी, फ़िदा, दिल ने जिसे अपना कहा, किस किस की किस्मत, स्टम्पड, तुमसे अच्छा कौन है, क्रांति, शरारत, हम किसी से कम नहीं, इण्डियन, हद कर दी आपने, आगाज़, खिलाड़ी 420, पुकार, न्यायदाता, जानवर, डोली सजा के रखना, चाइना गेट, हमसे बढ़कर कौन, अचानक, घरवाली बाहरवाली, सनम, लोफर, घातक, विजेता, किस्मत, आशिक मस्ताने, बरसात, अंदाज़ अपना अपना, जय किशन, बेटा हो तो ऐसा, आग, वक्त हमारा है, हम हैं कमाल के, दामिनी, आशिक आवारा, बड़ी बहन, शतरंज, प्यार हुआ चोरी चोरी, त्यागी, खुले आम, माँ, दौलत की जंग, दीदार, हमशक्ल, बेनाम बादशाह, अफ़साना प्यार का, लक्ष्मण रेखा, डांसर, त्रिनेत्र, विश्णु देवा, दो मतवाले, कर्ज़ चुकाना है, बंजारन, फरिश्ते, रोटी की कीमत, गुनाहों का देवता, प्यार का कर्ज़, दिल, थानेदार, जवानी ज़िन्दाबाद, खतरनाक, घायल, वर्दी, चोर पे मोर, प्यार का देवता, कसम वर्दी की, पाप का अंत, मैं तेरा दुश्मन, नाइंसाफी, गैर कानूनी, तौहीन, दाता, पीछा करो, कसम, कंवरलाल, पाप को जला कर राख कर दूँगा, मर मिटेंगे, प्यार का मंदिर, परम धरम, मजाल, जलवा, जान हथेली पे, इनाम दस हज़ार, नाम-ओ-निशान, शत्रु, नगीना, आखिरी रास्ता, बात बन जाये, दिलवाला, आग और शोला, तन बदन, कर्मा, यादों की कसम, पाताल भैरवी, मेरी जंग, माँ कसम, रामकली, वफ़ादार, हकीकत, कर्मयुद्ध, अंदर बाहर, हसीयत, रक्षा बंधन, आज का एम एल ए राम अवतार, जवानी, इंकलाब, कसम पैदा करने वाले की, हम रहे ना हम, शराबी, ज़ख्मी शेर, झूठा सच, सदमा, नास्तिक, पु्कार, हमसे ना जीता कोई, हम से है ज़माना, अच्छा बुरा, गोपीचन्द जासूस, विधाता, भागवत, नमक हलाल, हमारी बहू अलका, कच्चे, हीरे, अशान्ति, ज्योति, सनसनी, लावारिस, जमाने को दिखाना है, याराना, रक्षा, जल, महल, जज़बात, कर्ज़, एग्रीमेंट, शान, सरकारी मेहमान, जाने-ए-बहार, सुनयन, गौतम गोविन्दा, घर, देवता, आज़ाद, अतिथि, खून का बदला खून, अलीबाबा मरज़ीना, दुल्हन वही जो पिया मन भाये, अगर, परवरिश, तपस्या, महा चोर, उलझन, शोले, वारंट, मज़ाक, हाथ की सफाई, रोटी, बेनाम, शरीफ़ बदमाश, शादी के बाद, भाई हो तो ऐसा, पारस, पगला कहीं का, सच्चा झूठा, जीने की राह, अनोखी रात आदि।